UP Election 2022: कैराना पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह, डोर टू डोर जाकर किया जनसंपर्क

UP Chunav 2022: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी के चुनावी अभियान को धार देने के लिए गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को कैराना पहुंचे. अमित शाह ने कैराना में डोर टू डोर संपर्क अभियान चलाया और खुद जनसंपर्क किया. दरअसल अमित शाह ने कैराना से अपनी चुनावी अभियान की शुरुआत की है. 2017 में यहां से हिंदुओं के पलायन का मामला बहुत गर्म था. बीजेपी ने उस समय इस मामले को जमकर भुनाया और इसी कारण पश्चिमी यूपी में उसे भारी संख्या में सीटें मिली थीं.

खबर में खास
  • कैराना में पलायन से खून खौल उठता है— शाह
  • कैराना पलायन का मामला फिर से उठा रही बीजेपी
  • पश्चिमी यूपी की कमान संभाल रहे हैं अमित शाह
कैराना में पलायन से खून खौल उठता है— शाह

अमित शाह ने उन पीड़ित व्यापारियों से मुलाकात की, जिन्हें पलायन का दंश झेलना पड़ा था. पिछले साल अक्टूबर में अमित शाह ने लखनऊ में एक कार्यक्रम में कहा था— कैराना का पलायन याद कर मेरा खून खौल उठता है. उन्होंने यह भी कहा था कि पलायन कराने वालों का ही अब पलायन हो रहा है.

कैराना पलायन का मामला फिर से उठा रही बीजेपी

दरअसल बीजेपी कैराना पलायन के मामले को फिर से उठाकर चुनाव में भुनाना चाहती है. इसी कड़ी में अमित शाह कैराना पहुंचे थे. कैराना से बीजेपी ने इस बार भी मृगांका सिंह को उम्मीदवार बनाया है, जो पिछले चुनाव में सपा प्रत्याशी नाहिद हसन से पराजित हो गई थीं. मृगांका सिंह पूर्व सांसद बाबू हुकूम सिंह की बेटी हैं और हुकूम सिंह की राजनीतिक विरासत को वही संभाल रही हैं. 2017 में मृगांका के चचेरे भाई अनिल चौहान रालोद के टिकट से मैदान में थे, जिससे उनका वोट बंट गया और सपा प्रत्याशी को जीत मिली थी.

पश्चिमी यूपी की कमान संभाल रहे हैं अमित शाह

बता दें कि पश्चिमी यूपी की कमान खुद अमित शाह संभाल रहे हैं. पश्चिमी यूपी में सपा और रालोद के वोट बैंक में खींचतान मची है. मुजफ्फरनगर दंगों से पश्चिमी यूपी को खासा नुकसान हुआ था, जिसका फायदा बीजेपी ने उठाया था. उस समय सपा और रालोद को ऐसा नुकसान पहुंचा था कि अब सपा और रालोद शायद ही दंगे को मुद्दा बनाएं. इसके अलावा किसान आंदोलन से हुए नुकसान की भरपाई के लिए भी अमित शाह ने कमान अपने हाथ में ले ली है.

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