सिंगरौली: मुआवजा वितरण में 800 करोड़ के घोटाला का आरोप
सिंगरौली. एपीएमडीसी को आवंटित सुलियरी कोल ब्लॉक के मुआवजा वितरण में 800 करोड़ का घोटाला हुआ है। इस आरोप के साथ पूर्व में जांच की मांग की गई थी। नवंबर 2019 में जांच का आदेश भी हुआ था। अब शासन ने उस जांच के संबंध में कलेक्टर को पत्र लिखा है।
मुआवजा वितरण में घोटाले का आरोप लगाते हुए मप्र किसान कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री डीपी शुक्ला ने जांच की मांग की थी। अब उनकी ओर से जांच की जानकारी प्राप्त करने के लिए दोबारा शासन को पत्र लिखा गया है। शिकायतकर्ता के पत्र को संज्ञान में लेते हुए मप्र. शासन राजस्व विभाग के अवर सचिव अनूप कुमार मुंडा ने कलेक्टर से जांच के संबंध में जानकारी चाही है। साथ ही निर्देशित किया है कि जांच की अब तक की स्थिति से शिकायतकर्ता को अवगत कराया जाए। फिलहाल अभी प्रशासन की ओर से शिकायतकर्ता को कोई जानकारी नहीं दी गई है।
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यह है पूरा मामला और आरोप
एपीएमडीसी को आवंटित सुलियरी कोल ब्लॉक में नौ गांव का भूअर्जन हुआ है। कोल ब्लॉक का आवंटन पहली बार वर्ष 2007 में हुआ था। प्रारंभिक प्रक्रिया की धारा 4 की वर्ष 2012 में कार्यवाही शुरू की गई। वर्ष 2013 में धारा 6 की और वर्ष 2014 में डोंगरी छोडकऱ 8 गांव को धारा 9 (1) के तहत नोटिस जारी कर संपत्ति का सर्वे किया गया। सर्वे में करीब 1600 करोड़ की मुआवजा राशि वितरित करने संबंधित अवार्ड पारित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया।
मुआवजा राशि यह अवार्ड पारित होता कि इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश पर देश के कुल 210 कोल खदानों का आवंटन निरस्त कर दिया। इसमें सुलियरी कोल ब्लॉक भी शामिल रहा। वर्ष 2016 में दोबारा आवंटन प्रक्रिया शुरू हुई और यह खदान फिर से एपीएमडीसी को मिल गई। तत्कालीन कलेक्टर ने तत्काल समय तक पूरी हो चुकी प्रक्रिया से आगे की कार्रवाई शुरू करने का आदेश जारी किया। लेकिन भूअर्जन में लगे अधिकारियों ने दोबारा पूरी प्रक्रिया नए सिरे से शुरू करा दी। नई प्रक्रिया में अवार्ड पूर्व में तय अवार्ड का आधा कर 800 करोड़ कर दिया गया। शिकायतकर्ता में इसमें सांठगांठ के जरिए 800 करोड़ रुपए के घोटाला की बात कर जांच की मांग की है। उसी संबंध में शासन ने आदेश जारी किया है।