उद्योग जगत ने कहा, मुश्किल हालात में यह बेहतरीन बजट, पटरी पर लौटेगी अर्थव्यवस्था

Highlights

  • यह बजट समग्र आर्थिक विकास को गति देगा
  • रियल एस्टेट सेक्टर पर काफी अधिक सकारात्मक प्रभाव डालेगा यह बजट
  • यह बजट ईवी इंडस्ट्री के लिए बहुत उत्साहजनक और स्पष्ट है

नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूरी तरह से डिजिटल बजट पेश किया। बजट में अगले 25 साल को लक्ष्य को लेकर प्लानिंग की गई है। बजट भाषण के दौरान सत्तापक्ष के सदस्यों ने मेज थपथपाकर अलग-अलग प्रस्तावों का स्वागत किया। उद्योग जगत ने भी आम बजट को लेकर अच्छी प्रतिक्रिया दी है और कहा कि मुश्किल हालात में यह बेहतरीन बजट है। यह अर्थव्यवस्था को तेजी से पटरी लाएगी।

एक्सप्रेसवे के लिए गति शक्ति मास्टरप्लान के साथ, मल्टी-नोडल लॉजिस्टिक्स के लिए 100 नए कार्गो टर्मिनल, और शहरी मेट्रो सिस्टम के विकास से देश भर में नए वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स सुविधाओं में भारी वृद्धि होगी जो निश्चित रूप से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करेगी जिससे दोनों आवासीय और वाणिज्यिक क्षेत्र की मांग बढ़ेगी। इसके अलावा, सरकार ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस 2.0’ लॉन्च करने की भी योजना बना रही है जिसमें अधिक सभी सेक्टर के पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए जिससे भारत अधिक निवेश-अनुकूल गंतव्य बन सके। शहरी नियोजन और आधुनिक भवन उपनियमों के लिए एक उच्च स्तरीय पैनल का गठन किया जाएगा जो सभी वर्गों का ध्यान रखकर एक बूस्टर मॉडल तैयार करेगा।

संदीप साहनी,

चेयरमैन, इथम वर्ल्ड

केंद्रीय बजट 2022-23 ने स्वास्थ्य सेवा, बुनियादी ढांचे और ग्रामीण विकास के लिए दीर्घकालिक और अल्पकालिक विकास प्राथमिकताओं के बीच संतुलन बनाने का प्रयास किया है। अधिक टिकाऊ और समावेशी वित्तीय क्षेत्र के निर्माण की दिशा में डिजिटल रुपये की शुरुआत एक महत्वपूर्ण कदम होगा। हमें विश्वास है कि यह बजट समग्र आर्थिक विकास को गति देगा, जिससे बैंकों के लिए स्वस्थ ऋण उठाव होगा और ब्याज दर चक्र में ऊपर की ओर रुझान के साथ, जमाकर्ताओं को भी निकट अवधि में बेहतर रिटर्न की उम्मीद करनी चाहिए।

पीएन वासुदेवन

एमडी और सीईओ, इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक

बजट में कई अच्छे प्रावधान किए गए हैं जो कि रियल एस्टेट सेक्टर पर काफी अधिक सकारात्मक प्रभाव डालेंगे, उदाहरण के लिए, देश में लॉजिस्टिक्स नेटवर्क की स्थापना से देश में बुनियादी ढांचे के विकास को गति मिलेगी। यह रोड कॉरिडोर्स यानि सड़क गलियारों के साथ देश में हाउसिंग सेक्टर के विकास को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा। सरकार द्वारा यह घोषणा कि वह शहरी क्षेत्रों में मध्यम वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए सस्ते और किफायती आवास (अफोर्डेंबल हाउसिंग) को बढ़ावा देने के लिए भूमि और निर्माण से संबंधित अनुमतियों के लिए लगने वाले समय कम करने के लिए राज्य सरकार के साथ काम करेगी, प्रशंसनीय है। हालांकि, सेक्टर बिक्री को बढ़ावा देने और 2022 तक सभी के लिए आवास के सपने को पूरा करने के लिए प्रोत्साहन के मामले में और अधिक राहत की उम्मीद कर रहा था। जबकि सरकार का ध्यान अफोर्डेबल हाउसिंग पर बना हुआ है, इंडस्ट्री को धारा 24 (बी) और 80आईए 2 (ए) और (बी) के तहत प्रोत्साहन की उम्मीद थी। इसके साथ ही रियल एस्टेट पर कैपिटल गेन को इक्विटी पर कैपिटल गेन के बराबर लाए जाने की भी उम्मीद थी, जो पूरी नहीं हुई है।

राजन बंदेलकर, 

अध्यक्ष, नारेडको 

केंद्रीय बजट एक व्यापक और प्रगतिशील बजट है। हम इसे एक संपूर्ण विकासशील बजट कह सकते है। 5 लाख करोड़ रुपये के साथ ईसीजीएल योजना के विस्तार, पीएलआई योजना को विभिन्न क्षेत्रों से जोड़ने सहित कई नई घोषणाओं से न केवल छोटी विनिर्माण इकाइयों को लाभ होगा, बल्कि व्यापारिक क्षेत्र का भी लाभ होगा क्योंकि विनिर्माण सामान और उपभोग योग्य आय में वृद्धि से अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचेगा और व्यापार क्षेत्र में वित्तीय तरलता बढ़ने की बड़ी संभावनाएं मौजूद रहेंगी

प्रवीन खंडेलवाल, 

अध्यक्ष, कैट

वित्त वर्ष 2022-23 का केंद्रीय बजट निश्चित रूप से विकासोन्मुखी बजट है। पूंजीगत व्यय के लिए 7.5 लाख करोड़ रुपये का आवंटन 9% से अधिक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि हासिल करने के लिए एक बड़ा उत्प्रेरक का काम करेगा। बजट में बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और उन्नयन पर अधिक ध्यान देने के साथ—साथ शहरी निर्माण क्षमता को बढ़ावा देने, डेटा सेंटर को बुनियादी ढांचे का हिस्सा बनाने और सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों को मजबूत करने का प्रावधान किया गया है। बजट से रियल एस्टेट क्षेत्र की जो मांग है उसको बढ़ावा मिलेगा जिससे कि रोजगार सृजन भी होगा।

मनप्रीत सिंह चड्ढा, 

चेयरमैन, वेव ग्रुप

यह बजट ईवी इंडस्ट्री के लिए बहुत उत्साहजनक और इसके साथ ही ये भी स्पष्ट होता है कि सरकार देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने के लिए कितनी गंभीर है। शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ावा देने की सरकार की घोषणा से निवेशकों को ईवी सेक्टर में निवेश के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। यह क्लीन टेक्नोलॉजी और गर्वनेंस सॉल्यूशंस के साथ ही जीरो फॉसिल फ्यूल (जीवाश्म ईंधन) नीति वाले स्पेशल मोबिलिटी और ईवी व्हीकल्स  द्वारा समर्थित होगा। वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए विशेष क्षेत्र विकसित करने के लिए बैटरी स्वैपिंग तकनीक लेकर आएगी। विकास के लिए निजी कंपनियों के एकीकरण से भी इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

अंकित कुमार, 

टेक इन्वेस्टर ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) और ड्रोन

सरकार ने हमेशा अफोर्डेबल आवास पर ध्यान केंद्रित किया है, और इस बजट में, पीएम आवास योजना के लिए 48,000 करोड़ रुपये के आवंटन के संबंध में घोषणा की गई थी, जो बहुत ही स्वागत योग्य कदम है। सरकार ने 2022-23 में अफोर्डेबल श्रेणी में 80 लाख घर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है| यह समग्र आवास उद्योग के लिए एक प्रमुख बूस्टर हो सकता है। यह सेक्टर में सकारात्मक भावना लाएगा और मांग और आपूर्ति दोनों में वृद्धि करेगा। यह एक संतुलित बजट था जिसने शहरों में बहु-मॉडल परिवहन में सुधार और राजमार्गों को 25000 किमी तक बढ़ाने सहित समग्र आर्थिक विकास का ध्यान रखा। परिवहन में सुधार से शहरों में रोजगार पैदा होगा जिससे और आवास की मांग बढ़ेगी। 

प्रदीप अग्रवाल, 

संस्थापक और अध्यक्ष, सिग्नेचर ग्लोबल ग्रुप

बजट में यह दर्शाया गया है भारत की अर्थव्यवस्था बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्था बनी हुई है। यह बजट विकास को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। क्लीनर मोबिलिटी  को बढ़ावा देने के संदर्भ में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को गैल्वनाइजिंग पर नजर रखते हुए बैटरी स्वैपिंग तकनीक को प्रोत्साहित करने की सरकार की मंशा की सराहना की जाती है। यह अभी भी देखा जाना बाकी है कि स्वच्छ वैकल्पिक ईंधन को बढ़ावा देने के लिए सरकार क्या कदम उठाती है। साथ ही अर्थव्यवस्था के कार्बन उत्सर्जन को कम करने के उद्देश्य से सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड के प्रावधान की सराहना की जानी चाहिए। इसके अलावा एग्रोफॉरेस्ट्री  को बढ़ावा देना, सौर पीवी मॉड्यूल के निर्माण के लिए पीएलआई योजनाओं का विस्तार देश के लिए ज्यादा कार्बन मुक्त आर्थिक मार्ग प्रशस्त करने में मदद करेगा। यह भी महत्वपूर्ण है कि मिश्रित ईंधन पर उत्पाद शुल्क में बढ़ोत्तरी से भी कुछ हद तक क्लीन मोबिलिटी (स्वच्छ गतिशीलता) बनाये रखने में मदद करेगी। हालांकि वायु गुणवत्ता को सुधारने के संबंध में ज्यादा कुछ बड़ी राहत बजट से नहीं मिली है। चूँकि इलेक्ट्रिक वाहन अभी आने वाले  कुछ सालों में सड़कों पर दौड़ने में सक्षम नही हो सकेंगे तो ऐसे में ऑटो एलपीजी जैसे कम प्रदूषित फ्यूल को इस्तेमाल करने की आवश्यकता है, जिससे शहरो में होने वाले वायु प्रदूषण में तत्काल राहत मिल सकती है।

सुयश गुप्ता

डायरेक्टर जनरल , इंडियन ऑटो एलपीजी संगठन 

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