मोरवा बाजार में सीबी एक्ट की धारा-11 प्रभावशील, 2994 एकड़ भूमि व परिसंपत्तियों का मालिक बना एनसीएल
एनसीएल की जयंत और दुधिचुआ कोयला खदान विस्तार के लिए अर्जित की जा रही भूमि में धारा-11 प्रभावशील हो चुकी है। कोयला धारक क्षेत्र (अर्जन व विकास) अधिनियम की धारा-9 के बाद 27 अगस्त 2024 को इस एक्ट की धारा-11 को भी प्रभावशील कर दिया गया है। भारत सरकार के कोयला मंत्रालय ने अधिग्रहीत की जाने वाली भूमि पर इस धारा के प्रभावशील हो जाने के बाद समस्त भूमि व परिसंपत्तियों को एनसीएल हित में निहित कर दिया गया है। 27 अगस्त को भारत के राजपत्र असाधारण में केन्द्रीय सरकार का यह समाधान हो गया है कि नार्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड सिंगरौली जिसे इसमें इसके पश्चात सरकारी कंपनी कहा गया है। ऐसे निबंधनों और शतों का, जिन्हें केन्द्रीय सरकार इस निमित्त अधिरोपित करना उचित समझें, अनुपालन करने के लिए सहमत हैं। अतः अब केन्द्रीय सरकार, उक्त अधिनियम की धारा 11 की उपधारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह निदेश देती है कि इस प्रकार निहित भूमि 1211.75 हेक्टेयर (558.00 हेक्टेयर और 653.75 हेक्टेयर) लगभग या 2994.24 एकड़ (1378.82 एकड़ और 1615.42 एकड़) लगभग माप वाली उक्त भूमि के या उस पर सभी अधिकार तारीख 9 फ रवरी 2024 से केन्द्रीय सरकार में इस प्रकार निहित बने रहने के बजाय निम्नलिखित निबंधनों और शर्तों के अधीन रहते हुए सरकारी कंपनी एनसीएन में निहित हो जाएंगे।
यह उपबंध भी लागू होंगे
सीबीएक्ट की धारा-11 प्रभावशील होने के बाद कई अन्य उपबंध भी लागू होते हैं। जिसके अनुसार सरकारी कंपनी यानी कि एनसीएल उक्त अधिनियम और अन्य सुसंगत विधियों के उपबंधों के अधीन यथा अवधारित प्रतिकर, ब्याज, क्षतियों और वैसी ही मदों की बाबत सभी संदाय करेगी। इसके साथ ही उक्त अधिनियम की धारा-14 के अधीन एक अधिकरण का गठन किया जाएगा। जिसमें पूर्व प्रावधान के अधीन सरकारी कंपनी द्वारा संदेय रकमों का अवधारण करने के प्रयोजनों के लिए और ऐसे किसी अधिकरण और अधिकरण की सहायता के लिए नियुक्त व्यक्तियों के संबंध में उपगत सभी व्यय, सरकारी कंपनी द्वारा वहन किये जाएंगे और इसी प्रकार निहित उक्त भूमि में अथवा उस पर के अधिकारों के लिए या उनके संबंध में अपील आदि विधिक कार्यवाहियों की बाबत उपगत, सभी व्यय भी, सरकारी कंपनी द्वारा वहन किये जाएंगे।
नगर निगम के किराए व टैक्स पर पड़ेगा प्रभाव
सीबीएक्ट की धारा-9 प्रभावशील होने के बाद ही मोरवा में अवस्थित नगर निगम की दुकानों के किराए व निजी भूमि व उस पर बने मकानों के संपत्तिकर लोग नहीं जमा कर रहे थे। इसके बाद नगर निगम को किसी भी जमीन या उस पर बने मकानों से संपत्तिकर वसूल करने का हक नहीं होगा। हालांकि इसके लिए ननि, जिला प्रशासन व एनसीएल को सामंजस्य बनाकर लोगों को सार्वजनिक तौर पर जानकारी देनी होगी ताकि लोगों को अपनी ही संपतियों पर नियम-कानून के प्रभाव की जानकारी हो सके
सभी प्रकार की क्षति पूर्ति करेगी कंपनी की खब एनसीए हैं
एनसीएल जो कि सरकारी कंपनी, केन्द्रीय सरकार या उसके पदधारियों की है, ऐसे किसी अन्य व्यय के संबंध में क्षतिपूर्ति करेगी। जो इस प्रकार निहित उक्त भूमि में या उस पर के पूर्वोक्त अधिकारों के बारे में केन्द्रीय सरकार या उसके पदधारियों द्वारा या उनके विरूद्ध किन्हीं कार्यवाहियों के संबंध में आवश्यक हो अथवा सरकारी कंपनी को केंद्रीय सरकार के पूर्व अनुमोदन के बिना, उक्त भूमि में और उसके अधिकारों को किसी अन्य व्यक्ति को अंतरित करने की शक्ति नहीं होगी और सरकारी कंपनी, ऐसे निर्देशों और शर्तों का पालन करेगी जो केन्द्रीय सरकार द्वारा जब कभी आवश्यक हो, उक्त भूमि के विशिष्ट क्षेत्रों के लिए दिए जाएं या अधिरोपित किए जाएं
#morwa displacement, #एनसीएल, #कोयला खदान विस्तार, #जयंत और दुधिचुआ, #नार्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, #मोरवा बाजार, #मोरवा विस्थापन, #सिंगरौली, #सीबी एक्ट